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Tuesday, October 10, 2017

धन प्राप्ति करना चाहते हैं तो बुधवार के दिन करें ये चार उपाय

यदि आप घर में सुख शांति व समृद्धि चाहते हैं तो ये उपाय करें-

  1. बुधवार के दिन प्रात: काल स्नान आदि से निवृत्त होकर गणेशजी के मंदिर में दूर्वा की 11 या 21 गांठ अर्पित करें। ऐसा करने से आपको नौकरी या अपने कार्य में जल्द ही शुभ फल मिलने लगेंगे।
  2. प्रत्येक बुधवार को गाय को हरी घास खिलाएं। घास न हो तो कोई हरी सब्जी भी हो सकती है। ऐसा करने से आपके घर के समस्त क्लेश दूर हो जाते हैं और घर में सुख-शांति तथा समृद्धि बनी रहती है।
  3. बुधवार के दिन भगवान गणेश को सिंदूर चढ़ाएं। उन्हें सिंदूर चढ़ाने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर होती हैं। ये परेशानियां आपकी नौकरी या घर किसी से भी संबंधित हो सकती हैं।
  4. यदि आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का भंडार है शुक्ल पक्ष में बुधवार के दिन अपने घर की साफ-सफाई करने के बाद गणपति की सफेद रंग की प्रतिमा स्थापित करें। ऐसा करने से घर में रहने वाली सभी नकारात्मक शक्तियां तथा ऊपरी बाधाएं जैसे भूत-प्रेत आदि का प्रभाव खत्म हो जाता है।

Monday, October 9, 2017

दो डायलॉग्स के साथ रिलीज हुआ ‘पद्मावती’ का दमदार ट्रेलर, देखें वीडियो

मुंबई। बॉलीवुड के फेमस फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का बेहतरीन और दमदार ट्रेलर रिलीज हो गया है। गौरतलब है कि बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, एक्टर रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर इस मोस्ट अवेटेड फिल्म के पोस्टर सामने आने के बाद फिल्म के ट्रेलर का लोगों को बेसब्री से इंतजार था।


फिल्म के इस ट्रेलर में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण का अंदाज इतना जुदा है कि आप उनसे अपनी आंखे नहीं हटा पाएंगे। इसके अलावा शाहिद कपूर भी बिल्कुल अलग लुक में नजर आ रहे हैं। आपको बता दें इस फिल्म की कहानी महाराजा रावल रतन सिंह (शाहिद कपूर) और अलाउद्दीन खिलजी(रणवीर सिंह) के बीच हुए युद्ध की है, जो महारानी ‘पद्मावती’ के लिए लड़ा गया था।


आपको बता दें संजय लीला भंसाली एक ऐसे डायरेक्टर हैं जो अपने परफेक्शन और हर एक चीज में बारीकी लाने के लिए जाने जाते हैं। बहरहाल इस ट्रेलर में फिल्म के दो डायलोग हैं बाकी ट्रेलर में एक्शन की भरमार है वहीं सभी एक्टर्स के लुक बेहतरीन हैं। फिलहाल आप ट्रेलर देखिये बाकी फिल्म आप 1 दिसबंर को देख पायेंगे।

‘पद्मावती’ का ट्रेलर हुआ रिलीज़, ‘खिलजी’ के इन पांच लुक्स ने डाल दी ‘पद्मावती’ के ट्रेलर में जान

मुंबई। बॉलीवुड के फेमस फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का ट्रेलर आज यानी सोमवार को रिलीज किया गया है, जो देखने काफी दमदार है। वहीं इस फिल्म के ट्रेलर को गौर से देखें तो ऐसा महसूस होता है कि एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, एक्टर रणवीर सिंह और शाहिद कपूर ने अपने-अपने किरदारों के साथ वाकई में इंसाफ किया है।


बात अगर साल 2017 की मोस्ट अवेटिड फिल्म ‘पद्मावती’ के ट्रेलर में किसी एक किरदार की करें तो सबसे दमदार लुक इसमें रणवीर सिंह का लग रहा है। रणवीर इस ट्रेलर में काफी ‘खूंखार’ नजर आ रहे हैं। इस बात में कोई शक नहीं है कि रणवीर कपूर का ऐसा लुक हमने पहले कभी देखा हो। यही एक खासा वजह भी है कि ट्रेलर के रिलीज होते ही रणवीर सिंह ट्रेंड करने लगे हैं।


वहीं अगर डायलोग की बात करें तो इस ट्रेलर में रणवीर वैसे तो कुछ भी बोलते नजर नहीं आए हैं, लेकिन उनके लुक्स बहुत कुछ बयाँ कर रहे हैं। बता दें कि इस फिल्म की कहानी महारानी ‘पद्मावती’ पर आधारित है। इस फिल्म में पद्मावती की भूमिका दीपिका पादुकोण ने निभाई है।
इसके अलावा इस फिल्म में शाहिद कपूर राजा रतन सिंह की भूमिका में नजर आयेंगे तो वहीं रणवीर सिंह फिल्म में नेगेटिव भूमिका निभाते हुए अलाउद्दीन खिलजी के किरदार में नजर आएंगे। बहरहाल यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होगी।

Wednesday, October 4, 2017

यूट्यूब पर गोविंद शरण के ‘रिकाल एक घुघूती’ सांग ने मचाई धूम

देहरादून। म्यूजिशियन गोविंद शरण के ‘रिकाल ए घुघूती’ सांग ने इन दिनों ने यूट्यूब पर तहलका मचा रखा है। ‘रिकाल ए घुघूती’ सांग को लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। एक दिन में इसे 2500 लोगों द्वारा पसंद किया गया।

रिकाल ए घुघूती एक पति-पत्नी की जुदाई पर आरारित गाना है। इसमें दिखाया गया है कि पत्नी पति के बिना किस तरह से अकेले पहाड़ के गांव में रहकर घुघूती को याद करती है। यह गाना स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी का लिखा है, जिसे कि गोविंद शरण द्वारा नया लुक दिया गया है। पंच केदार पोडक्शन हाउस ने इन्हें आगे बढ़ाया है। म्यूजिक आशीष नवल का है और वीडियो देव जैन सौरभ घिल्ड़ियाल का है। आर्केटक पर गुरु ने प्रस्तुति दी हैं गोविंद शरण का पहला प्रयास युवा दिलों को काफी पसंद आ रहा है। 

Sunday, October 1, 2017

जाने-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ी कुछ अनसुनी घटनाएं

भारत में महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया जाता है। अपने जीवन में अहिंसा को सबसे बड़ा धर्म सिद्ध करने वाले बापू का जीवन आदर्शो से भरा है। आज के समय में बेशक गांधी जी द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना सबको आसान ना लगे लेकिन इस सत्य से भी कोई मुख नहीं मोड़ सकता है कि अगर एक बार उनके बताए गए मार्ग पर चल दें तो संपूर्ण जीवन ही सरल हो जाए।



गांधी जी की कहानियां
महात्मा गांधी के बारें में हम सबने बचपन में अवश्य पढ़ा होगा लेकिन किताबों में सिमटी गांधी जी की कहानियां उनके जीवन का एक अंश मात्र है। हो सकता है आप अब शायद गांधी जी से जुड़ी कई बातों को भूल गए हो इसलिए हम आपके ज्ञान को एक बार फिर रिफ्रेश करने के लिए गांधी जी से जुड़ी कुछ विशेष बातों को लेकर आएं।
गांधी जी का जीवन
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था। गांधी जी का जन्म गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर 2 अक्टूबर सन् 1869 को हुआ था। गांधी जी के जन्मदिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में विश्व भर में मनाया जाता है। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जो राजकोट के दीवान थे और माता का नाम पुतलीबाई था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा काठियावाड़ में हुई।

पढ़ाई में नहीं थे खास, पर विचारों से थे महान
गांधी जी पढ़ाई में अधिक तेज नहीं थे। उन्होंने पोरबंदर से मिडिल और राजकोट से हाई स्कूल पास किया। दोनों परिक्षाओं में शैक्षणिक स्तर वह एक औसत छात्र रहे। 4 सितम्बर 1888 को गांधी जी यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन में कानून की पढाई करने और बैरिस्टर बनने के लिये इंग्लैंड चले गये। वहां से लौटने के बाद उन्‍होंने बंबई में वकालत शुरू की।
सामाजिक अन्याय के प्रति जागरुकता
1893 में वे भारतीय फर्म के लिये केस लड़ने दक्षिण अफ्रीका गए। वहॉ उन्हें रंग भेद का सामना करना पड़ा। उन्हें प्रथम श्रेणी कोच की वैध टिकट होने के बाद तीसरी श्रेणी के डिब्बे में जाने से इन्कार करने पर ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया। इन घटनाओं ने उन्हें सामाजिक अन्याय के प्रति जागरुक किया तथा सामाजिक सक्रियता की व्याख्या करने में मददगार सिद्ध हुईं।
जीवन बना सबसे बड़ा शिक्षक
एक सामान्य विद्यार्थी थे लेकिन उनके लिए समय सबसे बड़ा शिक्षक साबित हुआ। उनके बचपन की जुड़ी कुछ घटनाओं ने उनके आने वाले भविष्य को रूप देने में अहम भूमिका निभाई। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गांधी जी को भी युवावस्था में गलत आदतों का सामना करना पड़ा था।
जीवन बना सबसे बड़ा शिक्षक
गांधी जी ने बीड़ी पीने से लेकर पैसे चुराने तक के काम किए हैं लेकिन उन्हें समय रहते अपनी गलतियों का अहसास हुआ और उन्होंने दोबारा वह गलतियां नहीं की। एक महान शख्स वही है जो अपनी गलतियों से सीखे और उसे जीवन में दोबारा ना दोहराएं।
पिताजी से सीखा अहिंसा का गुण
गांधी जी के जीवन में अहिंसा का पाठ उनके पिताजी ने पढ़ाया। बचपन में एक बार चोरी करने की आत्मग्लानि से जुझते हुए उन्होंने अपनी व्यथा अपने पिताजी को लिखकर बताई। जब उनके पिताजी को वह पत्र मिला तो उसे पढ़ते-पढ़ते उनके आंसू निकल गए। उन्होंने पत्र पढ़कर उसे गांधीजी को वापस कर दिया। गांधी के मन-मस्तिषक पर यह बात घर कर गई कि उनके पिता चाहते तो उनके साथ अहिंसा से भी पेश आ सकते थे लेकिन उन्होंने शांत रहने का रास्ता चुना जो दिखने में बेशक मामूली लगे लेकिन उससे दर्द गांधी जी को बहुत हुआ। इसी दिन से गांधी ने ठान लिया कि जीवन में वह कभी भी लड़ाई-झगड़े का साथ नहीं देंगे अपितु अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलते हुए जीवन जीएंगे।
कम उम्र में विवाह
गांधी जी ने अपनी जीवन में हमेशा बाल-विवाह का विरोध किया लेकिन वह खुद इसके शिकार भी हुए। जब वह मात्र 13 साल के थे तो उनका विवाह 14 वर्षीय कस्तूरबा जी से कर दिया गया। कस्तूरबा जी गांधी जी से एक साल बड़ी थी। 1885 में जब गांधी जी 15 वर्ष के थे तब इनकी पहली सन्तान ने जन्म लिया। लेकिन वह केवल कुछ दिन ही जीवित रही। इसी साल उनके पिता करमचन्द गांधी जी की असमय मृत्यु हो गई। गांधी जी की चार संतान हुई। 1888 में हरीलाल गांधी, 1892 में मणिलाल गांधी, 1897 में रामदास गांधी और 1900 में जन्में थे देवदास गांधी। गांधी जी कस्तूरबा जी को प्यार से बा कहते थे। गांधी जी के साथ वह हर आंदोलन में कदम से कदम मिलाकर चली। गांधी जी के सत्य के खोज के कठिन समय में भी उन्होंने कभी विरोध नहीं किया।
गांधीजी के आध्यामिक विचार
दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए गांधीजी ने ईसाई, इस्लाम और हिन्दू धर्म की गहराई से अध्ययन किया। विद्वानों के साथ बातचीत और निजी अध्ययन के द्वारा वह इस तथ्य पर पहुंचे कि सभी धर्म सत्य हैं और फिर भी हर एक धर्म अपूर्ण है। क्योंकि धर्म की व्याख्या करने वालों ने अपनी रुचि और सहूलियत के अनुसार धर्म में बदलाव कर दिए हैं।
सबसे पहले किसने बुलाया महात्मा
गाँधी जी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।
गांधी जी और ब्रह्मचर्य के प्रयोग
सत्य के प्रयोग के अंतर्गत गांधी जी ने ब्रह्मचर्य को लेकर भी कुछ प्रयोग किए जिनके कारण अकसर लोग उनकी उपेक्षा करते हैं। आपको यह जानकर बड़ी हैरानी होगी कि उनके इस प्रयोग से सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे बड़े नेता भी खफा थे। दरअसल इस दौरान गांधी जी खुद पर प्रयोग कर यह सिद्ध करना चाहते थे कि अगर मन पर संयम है तो ब्रह्मचर्य को अपनाया जा सकता है। इस दौरान उनके प्रयोग में सहयोग दिया मनुबेन ने। मनुबेन गांधी की प्रमुख निजी सेविका थीं। वे मालिश और नहलाने से लेकर उनका खाना पकाने तक सारे काम करती थीं।
शाकाहारी थे गांधी जी
महात्मा गांधी जी ना केवल विचारों से अहिंसावादी थे बल्कि अपने कर्मों में भी वह पूर्णत: अहिंसा रखते थे। वह केवल शाकाहार भोजन करते थे। लंदन में पढ़ने के दौरान उन्हें कई बार इस कारण शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ी थी लेकिन उन्होंने कभी अपने पांव पीछे नहीं खींचे। उनके जीवन में शाकाहार बनने की प्रेरणा उनकी मां ने दी थी जो जैन धर्म से काफी लगाव रखती थी।
जीवन चक्र की समाप्ति
30 जनवरी, 1948 को दिल्ली के बिरला हाउस में शाम 5:17 बजे नाथूराम गोडसे ने महात्मा को गोली मार दी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गांधी जी का जन्म शुक्रवार को हुआ था। देश को आजादी भी शुक्रवार को मिली थी और गांधी जी की हत्या भी शुक्रवार के दिन ही हुई थी। यह कुछ ऐसी बड़ी घटनाएं थी जिनसे गांधी जी का जीवन स्पष्ट होता है। 

सलमान खान ने 'अंगूरी भाभी' के लिए शायरी की, तो मिला यह जवाब!

नई दिल्ली: टीवी का सबसे ज्यादा चर्चित शो 'बिग बॉस' एक बार फिर आप सभी के मनोरंजन के लिए पूरी तरह तैयार है और इसका पहला एपिसोड 1 अक्टूबर को ऑन-एयर होगा. हर बार की तरह इस बार भी इस शो से जुड़ने वाले कंटेस्टेंट्स को लेकर बहुत सी फेक न्यूज आईं, लेकिन अब साफ हो गया है कि इस बाक कौन इस शो का हिस्सा हैं और कौन नहीं. कलर्स चैनल के ट्विटर हैंडल पर हाल ही में एक वीडियो शेयर किया गया है जिसमें सलमान शो की पहली कंटेस्टेंट से सबकी मुलाकात कराते हैं.

शो की यह कंटेस्टेंट और कोई नहीं बल्कि टीवी की चहिती भाभी हैं. दरअसल, यह 'अंगूरी भाभी' का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस शिल्पा शिंदे हैं. इस वीडियो में सलमान शिल्पा के साथ फ्लर्ट करते हुए भी नजर आ रहे हैं. इस दौरान सलमान शिल्पा के लिए एक शायरी करते हैं और शायरी के बाद शिल्पा अपने 'अंगूरी भाभी' के किरदार के अंदाज में कहती हैं सही बात है. इसके बाद सलमान, शिल्पा के साथ एक खेल भी खेलते हैं.

उद्धव ठाकरे बोले -बीजेपी हमें देशभक्ति न सिखाएं

मुंबई: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शनिवार को बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह उसे 'देशभक्ति नहीं सिखाए.' मुंबई के शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा, "हमें देशभक्ति नहीं सिखाइए. अभी वह दिन नहीं आया है कि हमें देशभक्ति सिखाई जाए." उन्होंने कहा, "माहौल बनाया गया कि जो लोग नोटबंदी का समर्थन करते हैं, वह देशभक्त हैं और जो लोग इसका विरोध करते हैं, वे देशद्रोही हैं." वह पिछले वर्ष केंद्र सरकार द्वारा पांच सौ और हजार रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय का जिक्र कर रहे थे.

उद्धव ने शिवसेना के कार्यकर्ताओं से अपील की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला करने से बचें जैसा कि हाल में महंगाई के खिलाफ शिवसेना के प्रदर्शन के दौरान किया गया था. शिवसेना के नेता ने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ बीजेपी के सत्ता साझा करने की असंगति की तरफ भी इशारा किया था.
उन्होंने पूछा, "कश्मीर में आपका (बीजेपी) पीडीपी से कैसा वैचारिक संबंध है? जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को क्यों नहीं खत्म किया जा रहा है?" उद्धव ने कहा, "हमने हिंदुत्व के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन किया जब ‘हिंदुत्व’ को वर्जित शब्द माना जाता था. अगर वे (बीजेपी नेता) सोचते हैं कि हमारा उनके लिए कोई महत्व नहीं है, तो हम देखेंगे." उन्होंने कहा, "हमें जानना चाहिए कि आपके हिंदुत्व की परिभाषा क्या है." मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना का विरोध करते हुए उद्धव ने कहा, "बुलेट ट्रेन कौन चाहता है? पहले रेल ढांचे में सुधार कीजिए." पेट्रोल और डीजल की अधिक कीमतों पर उद्धव ने कहा, "यह सरकार कहती है कि जीएसटी से कर में एकरूपता आएगी. एकरूपता कहां है? पाकिस्तान में भी हमारे यहां से सस्ता पेट्रोल है.
 
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